आया बुलावा भारत माँ का,
मेरा ही नाम प्रथम लिखा है,
लक्ष्मण रेखा पर सरहद की,
आज किसी ने कदम रखा है।।
तर्ज – और इस दिल में।
आज नादान ना कहना,
भावना में मत बहना,
दुश्मनों की ये हरकत,
हो गई मुझे असहना,
अरे मां आज ललन को,
उठा छोटी सी गन मां,
द्वारा करे ना हिम्मत,
कुचलना चाहूं फन मां,
मिटना सदा से इस माटी पर,
हमने अपना धरम रक्खा है,
लक्ष्मण रेखा पर सरहद की,
आज किसी ने कदम रखा है।।
आंच आंचल पे ना आये,
कर दूं कुर्वान वतन को,
रहे क्यों उजार ये गुलशन,
न्यौछावर गुल गुलशन को,
कसम खाके मां तेरी,
ये बेडा मैने उठाया,
हाथ काटूगां दोनो,
तिरंगा जिसने झुकाया,
भेजूंगा दुश्मन को वहां मां,
खाली मुल्क अदम रक्खा है,
लक्ष्मण रेखा पर सरहद की,
आज किसी ने कदम रखा है।।
ये हिन्दुस्तान का बच्चा,
श्री जय मन का सच्चा,
आज दुश्मन को मिटाने,
चवा जायेगा कच्चा,
मुझे जाने भी दे मां,
फूंकने शत्रु का खेमा,
आंच आंचल पे ना आये,
आज मेरी भारत मां के,
मिटना सदा से इस माटी पर,
हमने अपना करम रक्खा है,
Bhajan Diary Lyrics,
लक्ष्मण रेखा पर सरहद की,
आज किसी ने कदम रखा है।।
आया बुलावा भारत माँ का,
मेरा ही नाम प्रथम लिखा है,
लक्ष्मण रेखा पर सरहद की,
आज किसी ने कदम रखा है।।
स्वर – पं श्री चंद्रभूषण जी पाठक।
प्रेषक – मानसिंह कुशबाहा।
9685929268