आये है तेरे द्वार,
पाने हम तेरा प्यार,
आ जाओ बाबोसा,
भक्तो को इंतजार,
जगमग ज्योत जलाई है,
दर्शन दो देर क्यू लगाई है,
अ र र र चूरू के राजा,
अब तो आजा रे।।
तर्ज – देखा जो तुझे यार।
दरबार तेरा सजा गया,
भक्तो की भीड़ अपार,
मंजू बाईसा बैठे ज्योत पर,
है बस तेरा इंतजार,
झूमे झूमे तेरी भक्ति में झूमे,
चूमे चूमे तेरी चौखट चूमे,
भक्तो की सुन पुकार,
आ जाओ एक बार,
बाबोसा सरकार,
हम तो है बेकरार
तुम बिन सुना ये किर्तन है,
सुना ये भक्तो का मन है,
अ र र र चूरू के राजा,
अब तो आजा रे।।
जल्दी से आ दर्शन दिखा,
बाईसा में समा जा,
सुनलो ये अर्जी भक्तजनो की,
ओ चूरू के राजा,
अर्जी अर्जी एक यही अर्जी,
मर्जी मर्जी आगे तेरी मर्जी,
दिलबर ओ दिलदार,
होगी न मेरी हार,
हमको है एतबार,
होगा तेरा दीदार,
टूटने न देगा मेरी भावना,
कर देगा पूरी मनोकामना,
अ र र र चूरू के राजा,
अब तो आजा रे।।
आये है तेरे द्वार,
पाने हम तेरा प्यार,
आ जाओ बाबोसा,
भक्तो को इंतजार,
जगमग ज्योत जलाई है,
दर्शन दो देर क्यू लगाई है,
अ र र र चूरू के राजा,
अब तो आजा रे।।
गायक – पी. गणेश मुंबई।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
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