आये मेरी माँ के,
पावन नवराते,
घर घर मे होंगे,
मैया के जगराते,
आये मेरी मां के,
पावन नवराते।।
तर्ज – छू कर मेरे मन को।
दर्श बिना मुझको,
आये न माँ अब चेन,
माँ तुमसे मिलने को,
तेरा लाल हुआ बेचैन,
गिन गिन के गुजारे,
माँ हमने दिन राते,
आये मेरी मां के,
पावन नवराते।।
जिस घर आये माँ,
उस घर का भाग्योदय,
छाये वहाँ खुशहाली,
ये कहता है अजय,
दिलबर माँ के दर से,
पाई है सौगाते,
आये मेरी मां के,
पावन नवराते।।
आये मेरी माँ के,
पावन नवराते,
घर घर मे होंगे,
मैया के जगराते,
आये मेरी मां के,
पावन नवराते।।
गायक – श्री अजय गरवाल नागदा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365