आई शगनो की घड़ियाँ सुहानी,
अंग संग तू बिराजे महारानी,
उपकार है तेरा भवानी,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
गदगद होके गुण तेरे गाऊँ,
हथ जोड़ के शीश झुकाऊँ,
वारी वारी बलिहारी जाऊँ,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
करूँ मैं तेरा शुकराना।।
सारा परिवार तेरा शुकर मनाये,
ख़ुशियों के तूने मैया दिन दिखलाये,
ममतामयी ने किये ममता के साये,
देते है बधाई सब अपने पराये,
सब कारज तूने सँवारे,
सुख बख़्शे रुहानी कई सारे,
दिन आये है मुरादों वाले प्यारे,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
करूँ मैं तेरा शुकराना।।
ज़िन्दगी की डोर माँ तेरे हवाले,
तूने ही दिये है ख़ुशियों के उजाले,
रंग तेरी किरपा के अजब निराले,
‘साहिल’ को हरदम तू ही सँभाले,
हर हाल में तूने सँभाला,
हर चिन्ता से हमको निकाला,
दिल सच में है तेरा विशाला,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
करूँ मैं तेरा शुकराना।।
आई शगनो की घड़ियाँ सुहानी,
अंग संग तू बिराजे महारानी,
उपकार है तेरा भवानी,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
गदगद होके गुण तेरे गाऊँ,
हथ जोड़ के शीश झुकाऊँ,
वारी वारी बलिहारी जाऊँ,
करूँ मैं तेरा शुकराना,
करूँ मैं तेरा शुकराना।।
स्वर – निधि साहिल।
गीतकार – प्रदीप साहिल।