आई शरद पूनम की रात,
मधुबन में आज रच्यो महारास।।
चारों दिशाओं में मुरली की तान,
गोपियों के संग नाचे राधे का श्याम,
धरती गगन झूमे होके मगन,
कुंजन में छाया है प्रेम का रंग,
करे चंदा की किरणे प्रकाश,
मधुबन में आज रच्यो महारास।।
यमुना के लहरों में कैसा है शोर,
ले गया मन मेरा हाय चितचोर,
चरणों की दासी बावरिया हुई,
चरणों की दासी बावरिया हुई,
मैं तो बस तेरी सांवरिया हुई,
मैं तो बस तेरी सांवरिया हुई,
रख ले मुझको तू चरणों के पास,
मधुबन में आज रच्यो महारास।।
आई शरद पूनम की रात,
मधुबन में आज रच्यो महारास।।
Singer – Saurabh Madhukar