आई शिव रात्रि,
शिव का ध्यान धरो,
शिव शंकर ही दातार है,
भोले दिगम्बर है डमरू धर,
दुनिया का पालनहार है,
धरती अम्बर दशो दिशाओं में,
छाया हर्ष अपार है,
सारी श्रष्टि शिवमय हो गई,
चारो तरफ जय जयकार है,
नमो नमो शिव शंकरा,
नमो नमो शिव शंकरा,
तुमसा न दानी कोई,
जग में कोई दूसरा।।
हो ब्रह्मा विष्णु स्वयं,
शिव जी के गुण गाये,
सुर नर गन्धर्व शीश झुकाये,
ऋषि मुनि भी शिव को ही ध्याये,
वेद पुराणो में शिव की महिमा गाये,
शिव ही आगाज है,
शिव अंजाम है,
शिव से ही ये संसार है,
सारी श्रष्टि शिवमय हो गई,
चारो तरफ जय जयकार है,
नमो नमो शिव शंकरा,
नमो नमो शिव शंकरा,
तुमसा न दानी कोई,
जग में कोई दूसरा।।
शिव रात्रि के दिन,
जल जो चढ़ाते है,
भोले उनपे अपनी,
कृपा बरसाते है,
‘दिलबर’ मन चाहा,
फल वो पाते है,
शिव जी का जो ध्यान लगाते है,
शिव की महिमा अपरम्पार है,
जो भी करे व्रत बेड़ा पार है,
सारे जग का एक आधार है,
शिव नाम जो भी ले उसका उद्धार है,
नमो नमो शिव शंकरा,
नमो नमो शिव शंकरा,
तुमसा न दानी कोई,
जग में कोई दूसरा।।
आई शिव रात्रि,
शिव का ध्यान धरो,
शिव शंकर ही दातार है,
भोले दिगम्बर है डमरू धर,
दुनिया का पालनहार है,
धरती अम्बर दशो दिशाओं में,
छाया हर्ष अपार है,
सारी श्रष्टि शिवमय हो गई,
चारो तरफ जय जयकार है,
नमो नमो शिव शंकरा,
नमो नमो शिव शंकरा,
तुमसा न दानी कोई,
जग में कोई दूसरा।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365