आयो बाबो राम रुणेचे वालो,
दोहा – लीलो घोड़ो नवलखो,
मोतिया जड़ी रे लगाम,
पिछम धरा रा बादशाह,
गढ़ रुणेचे रा श्याम।
कर में भाला सोवता,
हो लीले असवार,
रामदेव मम हिरदे बसों,
थाने सिंवरू बारम्बार।
आयो बाबो राम रुणेचे वालो,
पीरजी पोकरणे वालो,
आयो बाबो राम रुणेचे वालों,
गढ़ रे रुणेचे सू चढ़िया रामदेव,
हाथ भलकियो भालो,
डाणू भैरू ने मार हटावो,
मति करो थे टालो।।
घोड़ो कहिजे हँसलो रे बाबा,
लूम्बा रे झूमा मतवालों,
झींण सजाई हर रे सोवणी,
ओ मोतीड़ा रो फुलमालो,
आयो बाबो राम रुणेचे वालों।।
बागों सोवे रेशमी रे भीरा,
घणे घेर घुमालो,
सिर पर ताज थोरे सोने रो बिराजे,
असंग लोक उजवालो,
आयो बाबो राम रुणेचे वालों।।
हाथ जोड़ ने करू विनती,
मैं बालक बदवाणो,
देवसी जी अर्ज दुर्बली दाखे,
निवण करे जुग सारो,
आयो बाबो राम रुणेचे वालों।।
आयो बाबो राम रुणिचे वालो,
पीरजी पोकरणे वालो,
आयो बाबो राम रुणेचे वालों,
गढ़ रे रुणेचे सू चढ़िया रामदेव,
हाथ भलकियो भालो,
डाणू भैरू ने मार हटावो,
मति करो थे टालो।।
गायक – दारम जी पंवार।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052