आयो फागणियो,
आपा होली खेला,
बाबोसा रे संग,
आयो फ़ागणियों,
नो मण लाल गुलाल मंगाओ,
नो मण लाल गुलाल मंगाओ,
घोलो केशरिया रंग,
आयो फ़ागणियों।।
तर्ज – धमाल।
रंग रंगीले फागण की या,
आई रुत मतवाली जी,
बाईसा ने लारा लेकर,
होली ख़िलावां रंगवाली जी,
ढोलक झांझ मजीरा बाजे,
ढोलक झांझ मजीरा बाजे,
और बाजे है चंग,
आयो फ़ागणियों।।
बाबोसा रे गोरे गाल पे,
रंग लगावा लाल जी,
बाईसा गुलाल उड़ावे,
म्हे गावां धमाल जी,
होली देख या सारी दुनिया,
होली देख या सारी दुनिया,
रह जावे है दंग,
आयो फ़ागणियों।।
बाबोसा संग होली खेलण री,
उठे मन मे हिलोर जी,
मंदिर माही छुपकर बेठिया,
भगता रा सिरमौर जी,
केवो बाईसा बाबोसा ने,
केवो बाईसा बाबोसा ने,
करसी भगता हुड़दंग,
आयो फ़ागणियों।।
भगता के संग होली खेल रहया,
बाबोसा भगवान,
सतरंगी रंगों में रंग गई,
देखो धरा ओर असमान,
‘दिलबर’ बाईसा के आशीश से,
‘दिलबर’ बाईसा के आशीश से,
चढ़ गया ये भक्ति रंग,
आयो फ़ागणियों।।
आयो फागणियो,
आपा होली खेला,
बाबोसा रे संग,
आयो फ़ागणियों,
नो मण लाल गुलाल मंगाओ,
नो मण लाल गुलाल मंगाओ,
घोलो केशरिया रंग,
आयो फ़ागणियों।।
गायिका – मीनाक्षी शर्मा राजस्थान।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365