आयो म्हारे राम रुणेचे वालो,
दोहा – रामा सामी आवजो,
कलयुग भहे करूर,
अर्ज करू अजमाल रा,
हेलो सुणो हुजूर।
हरजी हालो देवरे,
परचो रामापीर,
दुखिया ने सुखिया करे,
साजा करे शरीर।
आयो म्हारे राम रुणेचे वालो,
पीर पिछम रे वालो,
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो।।
गढ़ रे रुणेचे सू चढ़िया रामदे,
हाथ खड़ग दोय भालो,
भैरव रागस ने मार भगायो,
नहीं राखियो जाळो,
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो।।
घोड़ो कहिजे हासलो जी,
घणे घुँघरियो वाळो,
झीण मंडाई बाबा मोतिया जी,
हीरां रो ई उज्वाळो,
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो।।
बागों कहिजे ज्यारें केसरिया जी,
घणो ई घेर घुमाळो,
मस्तक ज्यारें किलंगी सोवे,
मोहन मुरली वाळो,
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो।।
अनंत सिद्दा रे शरणे आया,
मस्तक बंधियो भारो,
गुरु शरणे भाटी हरजी बोले,
मैं बालक हूँ थारो,
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो।।
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो,
पीर पिछम रे वालो,
आयो म्हारे राम रुणेचे वाळो।।
गायक – विष्णु बाल्याण खेतासर।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052