अब हमारे इश्क़ का,
कुछ और ही अंदाज़ हैं,
नगमा ऐ दिल बज रहा,
और बे आवाज है।।
तर्ज – दिल से दिल भरकर।
हम किसी के हो गए,
कोई हमारा हो गया,
उनको मुझ पर नाज है,
हमको उन पर नाज है,
अब हमारे इश्क का,
कुछ और ही अंदाज़ हैं।।
वो की जिनके मोर के,
पंखो का सिर पे ताज है,
दिलरुबा हूँ मैं उन्ही की,
वो मेरे सरताज है,
अब हमारे इश्क का,
कुछ और ही अंदाज़ हैं।।
अब हमारे इश्क़ का,
कुछ और ही अंदाज़ हैं,
नगमा ऐ दिल बज रहा,
और बे आवाज है।।