अब कैसे होवे जग में जिवणो,
म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर, म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर।।
घर गया कामण लड़े म्हारी हेली,
भाई गिणे नहीं बीर,
ज्या रा मुरसद घरे नहीं,
म्हारी हेली,
नैणा बरसे नीर,
नैणा बरसे नीर, म्हारी हैली,
अब केसे होवे जग में जिवणो,
म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर, म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर।।
कर जोडया कामण खड़ी म्हारी हैली,
ओढण बहुरंग चीर,
सतगुरु मिलिया म्हाने सागडी़,
म्हारी हेली,
आछी बंधाई धीर,
आछी बंधाई धीर, म्हारी हैली,
अब केसे होवे जग में जिवणो,
म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर, म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर।।
काई ये बादलिया री छावणी म्हारी हैली,
काई नुगरा री प्रीत,
काई नाडोल्या में नावणो,
म्हारी हेली,
पडीय़ो समद में सीर,
पडीय़ो समद में सीर, म्हारी हैली,
अब केसे होवे जग में जिवणो,
म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर, म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर।।
हर दरियाव अथंग जल भरियो हेली,
हंसा चुगे नित हीर,
शब्द भलाउ संग ले चलो,
म्हारी हेली,
कह गयै दास कबीर,
कह गयै दास कबीर, म्हारी हैली,
अब केसे होवे जग में जिवणो,
म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर, म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर।।
अब कैसे होवे जग में जिवणो,
म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर, म्हारी हैली,
लागा शब्द रा तीर।।
स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – सिंगर गणपत पुरी गौस्वामी,
धानता, 7073119864
बहुत सुंदर, बहुत अच्छा लगा आनन्द आ गया
VERY VERY NICE
So nice
Achchhi