शरण तेरी आन पड़ा हूँ,
अब सम्भालो ना श्याम धणी,
विनती मेरी सुननी ही होगी,
देखो विपदा आन पड़ी।।
कितनो की किस्मत को,
तुमने संवारा है,
हारे हुए का,
तू ही एक सहारा है,
मेरी भी तक़दीर,
बदलना बाकी है,
तेरी मोरछड़ी का,
एक पंख ही काफी है,
मुझको यकीं तेरी मेहरबानी,
होगी मुझपे घडी हर घडी,
हाँ सम्भालो ना श्याम धणी।।
सारे जग से,
हार के दर पे आया है,
दुखडो का बादल,
सर पे मंडराया है,
मुझको भरोसा,
खाली ना लौटाओगे,
तुम इस हारे को अपने,
गले से लगाओगे,
मिल जाएगी ‘चंदा’ को खुशियां,
तेरी नज़रें जो मुझपे पड़ी,
हाँ सम्भालो ना श्याम धणी।।
शरण तेरी आन पड़ा हूँ,
अब सम्भालो ना श्याम धणी,
विनती मेरी सुननी ही होगी,
देखो विपदा आन पड़ी।।
Singer – Aamir Ali (Khatudham)