अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,
कभी जो ना सोचा था वो मैंने पाया,
अच्छा हुआ मै तेरे द्वार आया।।
तर्ज – जहाँ ले चलोगे वहीँ मैं।
किस्मत की रेखा बदलने लगी है,
हालत ये मेरी सुधरने लगी है,
विदा हो रहा है हर गम का साया,
अच्छा हुआ मै तेरे द्वार आया।।
चिंता फिकर अब मुझे ना सताते,
संकट कभी भी ना मेरे पास आते,
जबसे मिली है तेरी छत्र-छाया,
अच्छा हुआ मै तेरे द्वार आया।।
तेरे ही भरोसे दुनिया में घूमूं,
मगन होके बाबा मस्ती में झूमूँ,
तेरा द्वार ‘बिन्नू’ को बहुत रास आया,
अच्छा हुआ मै तेरे द्वार आया।।
अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,
कभी जो ना सोचा था वो मैंने पाया,
अच्छा हुआ मै तेरे द्वार आया।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।