मन मेरा मन मेरा,
मस्त मस्त हुआ,
मन मेरा मन मेरा,
मस्त मस्त,
बाबोसा तेरी भक्ति में,
मन मेरा मस्त,
ऐ बाबोसा मैं तेरी करूँ भक्ति,
सही राह पे मैं चलूँ,
दे ऐसी शक्ति।।
तर्ज – ऐ हेरते आशिकी।
तुम्ही इन नयनो में बसते हो,
पूनम का चाँद लगते हो,
तू ही दिल में बस रहा,
जहाँ देखा ऐसा लगा,
कोई नही तुझसा बाबोसा,
ऐ बाबोसा मै तेरी करूँ भक्ति,
सही राह पे मैं चलूँ,
दे ऐसी शक्ति।।
तेरी सेवा पूजा करने से,
पूरे सब ख्वाब भी होते है,
जिन्हें मिल जाये बाबोसा,
वो दुनिया मे सबसे,
खुश नसीब होते है,
ऐ बाबोसा मै तेरी करूँ भक्ति,
सही राह पे मैं चलूँ,
दे ऐसी शक्ति।।
‘दिलबर’ ये भक्ति न होगी कम,
हम यही प्रार्थना मिल सब करते है,
मेरी सांसों चले जब तक,
न छुटे दर तेरा यही कामना करते है,
ऐ बाबोसा मै तेरी करूँ भक्ति,
सही राह पे मैं चलूँ,
दे ऐसी शक्ति।।
मन मेरा मन मेरा,
मस्त मस्त हुआ,
मन मेरा मन मेरा,
मस्त मस्त,
बाबोसा तेरी भक्ति में,
मन मेरा मस्त,
ऐ बाबोसा मैं तेरी करूँ भक्ति,
सही राह पे मैं चलूँ,
दे ऐसी शक्ति।।
गायिका – सुकेशी शाशा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365