ऐ दो जहाँ के मालिक,
मेरी खता बता दे,
चरणों दूर कान्हा,
चरणों दूर कान्हा,
तूने क्यों किया बता दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।
जीने को जी रहा हूँ,
लेकिन मजा नहीं है,
तुमसे जो दूरिया है,
क्या ये सजा नहीं है,
मुझे थाम ले दयालु,
मुझे थाम ले दयालु,
ये फासले मिटा दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।
दुनिया की दौलतों की,
चाहत नहीं है दाता,
चरणों में बस जगह तू,
दे दे मेरे विधाता,
हाथों को मेरे सर पे,
हाथों को मेरे सर पे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।
तेरे पथ पे चल रहा हूँ,
आशा है तू मिलेगा,
उम्मीद का ये दीपक,
एक दिन प्रभू जलेगा,
तेरे ‘हर्ष’ के ह्रदय का,
तेरे ‘हर्ष’ के ह्रदय का,
अँधियारा तू मिटा दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।
ऐ दो जहाँ के मालिक,
मेरी खता बता दे,
चरणों दूर कान्हा,
चरणों दूर कान्हा,
तूने क्यों किया बता दे,
ऐ दो जहां के मालिक,
मेरी खता बता दे।।
Singer – Priti Sargam