ऐ मेरे श्याम इनायत कर दे,
अपनी करुणा से,
मुझ गरीब की झोली भर दे,
मैंने दुःख दर्द उठाए है बड़े,
अब तो सुख चैन से जी लूँ,
मुझे ऐसा वर दे।bd।
तर्ज – मेरे महबूब क़यामत।
देख लिया ये सारा जहाँ,
मीत ना कोई तुमसा यहाँ,
तू ही बता मैं जाऊं कहाँ,
मेरा तो ये सर,
है झुका यही पर,
नहीं कोई और ठिकाना,
अपना ये हाथ तू सर पर धर दे,
अपनी करुणा से,
मुझ गरीब की झोली भर दे।bd।
सब पर करुणा बरसाता तू,
सबकी उलझन सुलझाता तू,
सुख का गुलशन महकाता तू,
तेरा तो परम,
बस है ये धरम,
दुखियों के दर्द मिटाना,
इस दुखी दीन के भी दुःख हर दे,
अपनी करुणा से,
मुझ गरीब की झोली भर दे।bd।
बड़े दुखों का खाया हूँ मैं,
दुनिया का ठुकराया हूँ मैं,
तेरी शरण अब आया हूँ मैं,
दे नाम का धन,
गजेसिंह गगन,
छू लेगा ये भजन सुहाना,
भक्ति भावों के तू इसे वर दे,
Bhajan Diary Lyrics,
अपनी करुणा से,
मुझ गरीब की झोली भर दे।bd।
ऐ मेरे श्याम इनायत कर दे,
अपनी करुणा से,
मुझ गरीब की झोली भर दे,
मैंने दुःख दर्द उठाए है बड़े,
अब तो सुख चैन से जी लूँ,
मुझे ऐसा वर दे।bd।
गायक – मुकेश कुमार जी।