एरी सब चलो नंद के द्वार,
यशोदा ने लालन जाया,
एरी सब देखो रूप अपार,
यशोदा ने लालन जाया।।
दो चार यहां ते आईं,
दो चार वहां ते आईं,
नंद घर लागी आज कतार,
यशोदा ने लालन जाया।।
कोई लेकर हाथ दुलारे,
कोई ललना को पुचकारे,
कोई कोई देखे बारंबार,
यशोदा ने लालन जाया।।
शिव धाम छोड़ शिव आए,
संग पार्वती को लाए,
सरस्वती संग आए करतार,
यशोदा ने लालन जाया।।
तज स्वर्ग इंद्र भी आए,
इंद्राणी को संग लाए,
अप्सरा गाएं मंगलाचार,
यशोदा ने लालन जाया।।
लख प्रभु की शोभा न्यारी,
ब्रह्मा की सृष्टि हारी,
मानी कामदेव ने हार,
यशोदा ने लालन जाया।।
एरी सब चलो नंद के द्वार,
यशोदा ने लालन जाया,
एरी सब देखो रूप अपार,
यशोदा ने लालन जाया।।
रचनाकार एवं गायक – मनोज कुमार खरे।