जग की झूठी माया से,
बेगाने हो गए,
ऐ श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए,
ख्वाब हुए सच सारे,
गम अफसाने हो गए,
ऐं श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए।।
आज मुझे सब पूछ रहे,
कल तक क्या मेरी हस्ती थी,
ना ये रंग था ना ये ढंग था,
ना तेरे नाम की मस्ती थी,
तूने ही अनमोल बनाई,
वरना ज़िंदगी सस्ती थी,
दिल जले तेरी ज्योति के,
परवाने हो गए,
ऐं श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए।।
जबसे तेरी शरण में आया,
मैं हर मुश्किल भूल गया,
जबसे तेरा दरबार ये पाया,
मैं घर महफ़िल भूल गया,
तेरा मिला जो साथ सफर में,
मैं मेरी मंजिल भूल गया,
तेरे प्यार की मस्ती के,
मस्ताने हो गए,
ऐं श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए।।
क्या होता है रोना धोना,
हम इससे अनजान हुए,
क्या दौलत क्या सोना चाँदी,
बिन पैसे धनवान हुए,
ना कुछ माँगा ना कुछ बोला,
फिर पुरे अरमान हुए,
हम भी भक्त तेरे,
जाने पहचाने हो गए,
ऐं श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए।।
जग की झूठी माया से,
बेगाने हो गए,
ऐ श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए,
ख्वाब हुए सच सारे,
गम अफसाने हो गए,
ऐं श्याम तेरे हम जबसे,
दीवाने हो गए।।
गायक – शीतल पांडेय जी।
प्रेषक – निलेश मदन लालजी खंडेलवाल।
धामनगांव रेलवे – 9765438728