अगर श्याम तेरा सहारा ना होता,
कहीं बेकसों का गुजारा ना होता।।
तर्ज – हमें और जीने की चाहत।
(राग आसावरी)
मिल जाती श्याम हमको,
चौखट तुम्हारी,
हो जाती हम पर भी,
मेहर तुम्हारी,
फिर कोई गम का मारा ना होता,
कहीं बेकसों का गुजारा ना होता।।
रहमो करम तेरा,
मुझे मिल जाता,
सारा दुख जीवन का,
यूँ ही मिट जाता,
तेरी बंदगी को नकारा ना होता,
कहीं बेकसों का गुजारा ना होता।।
गम के अंधेरो में,
तेरा दर ना मिलता,
सुख का कमल मेरे,
दिल मे ना खिलता,
अगर श्याम तूने उबारा ना होता,
कहीं बेकसों का गुजारा ना होता।।
अगर श्याम तेरा सहारा ना होता,
कहीं बेकसों का गुजारा ना होता।।
गायक / प्रेषक – मुकेश कुमार।
9660159589