अघोरी बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
जबसे सुनी महिमा थारे नाम की,
मनडा़ में लगन लगा ली रे,
दर्शन में पैदल पैदल आगी रे,
अघोरीं बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
बाबा की छतरी कांच की चुनाद्य़ू,
उड़ता मडाद्य़ू दादुर मोरिया,
जाली झरोखा लगवाद्य़ू रे,
अघोरीं बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
सासुजी का बोल मारा कालजा में खटके,
नणदल की बोली सु भरगी छाती रे,
नणदल की बोली तू भरगी छाती रे,
अघोरीं बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
दौरानी जिठानी के दोई दोई खेले,
म्हारे कदे ना लवण लागी रे,
गोदी में झूला एक लालो,
अघोरीं बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
थारा लहरी बाबा याही है विनती,
भक्ता की अर्जी सुनता आवो जी,
अर्जी पर मर्जी करता रेवो जी,
अघोरीं बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
अघोरी बाबा कद म्हारी,
अर्जी सुणोला।।
प्रेषक और गायक – संजय लहरी लालसोट।
मोबा. 9829114685
विशेष सहयोग – श्री वेदप्रकाश जी शर्मा जमात।
लक्ष्मी साउण्ड जमात।