ऐसा है मेरा सांवरिया,
साया बनकर हर पल मेरे,
साथ चलता है,
माँ बाबुल के जैसे मेरा,
ध्यान रखता है,
मेरी आँख का हर एक आंसू,
अपने हाथ से पोछे,
मेरे कल की मुझसे ज़्यादा,
सांवरा ही सोचे
ऐसा है मेरा साँवरिया,
ऐसा है मेरा साँवरिया।।
तर्ज – उड़ जा काले।
बिन बोले हर कारज अपने,
आप करता है,
मेरे दोष भूलाकर हरदम,
माफ़ करता है,
जब भी मुझको पड़ी ज़रूरत,
इक पल नहीं गंवाया,
‘सोनू’ मन की पीड़ समझी,
छोड़ सिंहासन आया,
ऐसा है मेरा साँवरिया,
ऐसा है मेरा साँवरिया।।
छोड़ के चिंता अपने मन में,
ये विश्वास जगा,
तेरा जीवन तुझसे बेहतर,
श्याम संभालेगा
इसके हवाले कर के कह दे,
तेरा काम तू जाने,
आया है आता रहेगा,
तेरी लाज बचाने,
ऐसा है मेरा सांवरिया,
ऐसा है मेरा साँवरिया।।
स्वर – रेशमी जी शर्मा।