ऐसा करूँ गुनाह मुकदमा,
सांवरिया तेरे पास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो।।
तेरे प्यार की हथकड़ियों में,
जकड़ तेरे दर पे आऊं,
मन ही मन में ख़ुशी मनाता,
तनिक नहीं मैं घबराऊँ,
जो तू करे फैसला उस पर,
पूरा मुझे विश्वाश हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो।।
ना कोई करे वकालत मेरी,
ना ही कोई सफाई हो,
कभी नहीं तेरे चरणों से,
मेरी श्याम रिहाई हो,
तेरे चरण में उमर कैद की,
छोटी सी अरदास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो।।
मेरे उस अपराध की सारे,
जग में गूंज सुनाई दे,
मैं भी अपराधी बन जाऊँ,
हर एक प्रेमी दुहाई दे,
मेरे उस अपराध में बाबा,
तेरे मिलन की प्यास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो।।
इश्क़ करे जो इस दुनिया में,
वो मुजरिम कहलाता है,
दुनिया को दीवाना तेरा,
खुले-आम बतलाता है,
भक्तो ऐसी गवाही करना,
‘रोमी’ की पूरी आस हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो।।
ऐसा करूँ गुनाह मुकदमा,
सांवरिया तेरे पास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊँ,
चरणों में कारावास हो।।
स्वर – रोमी जी।