कहीं चिमटे बजे र,
कहीं छेने बजे,
कहीं ढोलक बजे,
कहीं शंक बजे,
ऐसा नाथ जगत में नहीं मिलना,
जैसा बाबा गोरखनाथ बड़ा,
ऐसा नाथ जगत मे नही मिलना।।
नाथ मछंदर का यो चेला,
जाने दुनिया सारी रे,
चारकोट में नाम बजे इसका,
शंकर का अवतारी र,
यो तो धूणै का तपधारी र,
ऐसा तपधारी हो नहीं मिलना,
जैसा बाबा गोरखनाथ बड़ा,
ऐसा नाथ जगत मे नही मिलना।।
ददरेवा की रानी बाछंल,
बहुत गणी दुख पाई थी,
गुरु गोरखनाथ न चेला के संग,
जाक धीर बधाई थी,
उसकी कुल की बेल चलाई थी,
ऐसा पूत देवणीया नहीं मिलना,
जैसा बाबा गोरखनाथ बड़ा,
ऐसा नाथ जगत मे नही मिलना।।
तिरिया राज में फंसे मछंदर,
ऐसा टाइम भी आया था,
सच्चे गुरु का सच्चा चेला,
भेस बदल कर आया था,
वह तो गुरु न काड कर लाया था,
ऐसा चैला जगत में नहीं मिलना,
जैसा बाबा गोरखनाथ बड़ा,
ऐसा नाथ जगत मे नहीं मिलना।।
राजफुल कुचराणीयां नाथ जी,
तेरे ही गुण गावे से,
अनूप भगत गणियार आला तने,
सच्चे दिल से ध्यावे से,
तन दीपक लाखा ध्यावे स,
यो चाहवे गुरुजी तेरे त मिलना,
जैसा बाबा गोरखनाथ बड़ा,
ऐसा नाथ जगत मे नहीं मिलना।।
कहीं चिमटे बजे र,
कहीं छेने बजे,
कहीं ढोलक बजे,
कहीं शंक बजे,
ऐसा नाथ जगत में नहीं मिलना,
जैसा बाबा गोरखनाथ बड़ा,
ऐसा नाथ जगत मे नहीं मिलना।।
Singer – Deepak Lakha
9992447893