ऐसा तेरा बल है बजरंग,
कोई जान ना पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है।।
सालासर में महल तुम्हारा,
मेहंदीपुर में अखाडा है,
भुत प्रेत दुष्टों दानव को,
तुमने पल में पछाड़ा है,
त्रेता से कलयुग तक तुमसा,
त्रेता से कलयुग तक तुमसा,
वीर नहीं हो पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है।।
संत जनो के हो हितकारी,
और दुष्टों के काल हो तुम,
रामचन्द्र के भक्त सिया के,
सबसे प्यारे लाल हो तुम,
On Bhajan Diary,
राम से मिलने का माध्यम,
राम से मिलने का माध्यम,
कलयुग में तुम्हे बताया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है।।
ऐसा कौन सा काम है जो,
बजरंगी ना कर पाओगे,
हमको है विश्वास की एक दिन,
राम से हमको मिलाओगे,
ये आशा लेकर के ‘सूरज’,
ये आशा लेकर के ‘सूरज’,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है।।
ऐसा तेरा बल है बजरंग,
कोई जान ना पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है।।
गायक – राजू मेहरा जी।
Mast bhajan hai jay bala ji sarkar ki jay ho jay jay shree ram jay sita mata ki jay laxman bhaiya ki