ऐसी घुमाई मोर छड़ी,
ऐसी घुमाई मोर छड़ी,
मेरे सांवरिया दिन बदले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
इतना खजाना बरसाया,
इतना खजाना बरसाया,
भर दे तिजोरी और गल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले।।
हर जुबां पे है तेरी कहानी,
तेरे जैसा ना कोई है दानी,
मैंने जब जब भी झोली पसारी,
कभी की ना तूने आना कानी,
तेरी दातारी के बाबा,
तेरी दातारी के बाबा,
मच गए ज़माने में हल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले।।
ओ खाटू के सांवरिया प्यारे,
तूने ये क्या गजब कर दिया रे,
मैं तो आया था तेरी शरण में,
तूने मेरे किये वारे न्यारे,
जीवन के सातों सुख तेरी,
जीवन के सातों सुख तेरी,
मोर छड़ी से ही निकले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले।।
बात पहले समझ में ना आई,
क्यों ये मोर छड़ी तुमको भायी,
देखा जो इसका करिश्मा,
माना इसमें बडी है सकलाई,
‘सोनू’ सुधारे भक्तो के,
‘सोनू’ सुधारे भक्तो के,
ये तो जनम अगले पिछले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले।।
ऐसी घुमाई मोर छड़ी,
ऐसी घुमाई मोर छड़ी,
मेरे सांवरिया दिन बदले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
इतना खजाना बरसाया,
इतना खजाना बरसाया,
भर दे तिजोरी और गल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले।।
गायक – प्रवेश शर्मा।