ऐसो बाबोसा रो रूप,
नैना निरख निरख हरखाय,
थारी प्यारी सी मुरतियाँ,
म्हारा मनडे ने भाय,
बाबोसा थारी रे मूरतिया,
देख हुई रे बावरियाँ,
थारे बिन रहा नहीं जाए,
हो म्हारे हिवड़े में,
उठे रे हिलोर बाबोसा,
बाबोसा भगवन,
म्हाने दर्शन दो।।
बाबोसा म्हारा,
रूमक झूमक ने पधारो सा,
आओ सा म्हारे,
आँगनिये पधारो सा,
बाबोसा म्हे तो,
थांसु ही अर्जी लगाऊँ सा,
माँ छगनी रा नंदन,
वेगा पधारो सा।।
प्रीतडली थासू लागी हो,
म्हारे मनडे में ज्योत जागी हो,
म्हासु दूर कय्याँ जावोला,
कद हिवड़े बाबोसा लगावोला,
प्रीतडली थासू लागी हो,
मनडे म्हारा ज्योत जागी हो।।
ओ ..हो .. बाबोसा लाडला रे,
पधारो नी म्हारे देश,
लीले घोड़े चड़के आया बाबोसा,
आया भक्तरा पालनहार,
चूरूवाला जी ‘दिलबर’,
बाबोसा री आरती उतारो जी,
आया बाबोसा म्हारे द्वार,
चूरू वाला जी।।
ऐसो बाबोसा रो रूप,
नैना निरख निरख हरखाय,
थारी प्यारी सी मुरतियाँ,
म्हारा मनडे ने भाय,
बाबोसा थारी रे मूरतिया,
देख हुई रे बावरियाँ,
थारे बिन रहा नहीं जाए,
हो म्हारे हिवड़े में,
उठे रे हिलोर बाबोसा,
बाबोसा भगवन,
म्हाने दर्शन दो।।
गायिका – संचेरी बसु।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365