अजमल जी रा कंवरा,
पाठ पधारो जी।
दोहा – हरजी ने हरि मिलया,
प्रभु आडे मार्ग आय,
पुजन दिनो घोङलो,
बाबो दूध पिवन दिनी गाय।
अजमल जी रा कंवरा,
पाठ पधारो जी,
रूणिचे रा रामा,
पाट पधारो जी,
अब काळो जन्म सुधारो जी,
पहला ळो जन्म सुधारो जी,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
सोने रूपे री बाबा,
ईंट पङाऊ जी,
हरी थारो मंदरीयो चिणांऊ,
बाबा थारो देवरो चिणांऊ,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
कुंकु केसर री बाबा,
गार गलाऊं जी,
कुंकु केसर री प्रभु,
गार गलाऊं जी,
हरी थारो मंदरीयो निपाऊं रे,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
घृत मिठाई बाबा,
चढे थारे चूरमों,
घृत मिठाई बाबा,
चढे थारे चूरमों जी,
देवरे मैं ज्योत सवाई जी,
अजमल जी रा कँवरा,
देवरे मैं ज्योत सवाई जी,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
गाय दुहाउँ बाबा,
गोरङी जी,
गाय दुहाउँ बाबा,
गोरङी जी,
गुदळी जिमाऊ थाने खीर रे,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
बाई डाळी री बाबा,
सुनों थे विनती,
बाई डाळी री प्रभु,
सुनों थे विनती,
हरजी भाटी गुण गाय रे,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
अजमल जी रा कंवरा,
पाठ पधारो जी,
रूणिचे रा रामा,
पाट पधारो जी,
अब काळो जन्म सुधारो जी,
पहला ळो जन्म सुधारो जी,
अजमल जी रा कँवरा,
पाट पधारो जी।।
गायक – सम्पत जी उपाध्याय।
प्रेषक – धनाराम खोजा खङकाली नागौर।