अमर हो गयो रे जुगङा में,
बेटो जाट को,
तेजा धिन है थारोङी,
जरणी मात को।।
लाछा गूजरी की,
गाया घेर लाया,
थे तो वसन निभायो,
काले नाग को,
तेजा धिन है थारोङी,
जरणी मात को।।
घर घर पुजीजे थारी,
देवली तेजाजी,
डंको बाजे दुनिया में,
थारे नाम को,
तेजा धिन है थारोङी,
जरणी मात को।।
गौ रक्षक म्हारा,
वीर तेजाजी,
निवण करा खरनाल्ये,
गढ धाम को,
तेजा धिन है थारोङी,
जरणी मात को।।
हरीश भाई दुगेर थारी,
महिमा बणवावे,
जोगा राम गावे,
गुण आप को,
तेजा धिन है थारोङी,
जरणी मात को।।
अमर हो गयो रे जुगङा में,
बेटो जाट को,
तेजा धिन है थारोङी,
जरणी मात को।।
गायक – जोगाराम प्रजापत।
हाथीतला बाङमेर।
9587984999