अमिया झरे निराधार,
धार पर संत रमे,
किने केऊ मनड़ा री बात,
संत कोई सांभले,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
पकड़ चम्पा री डाल,
सुहागन क्यूं खड़ी,
कई थारो पीयो परदेश,
काई थारी सासु लड़ी,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
पियाजी सिधाया सतलोक,
संदेशों लिया खड़ी,
चालियो जा मुरख गिवार,
तुझे मेरी क्या पड़ी,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
पियाजी सीधाया सतलोक,
तुझे कई कह गया,
झड़ गया बजड़ किवाड़,
कुच्या संग ले गया,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
दोय दोय दिवला संजोय,
पिलंग पर पोडती,
पिया बिना सुनी लागे सेज,
नेन भर रोवती,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
धरण गगन के बीच,
भवे दोय पंखिया,
गुरु मिलना रो जोग,
फरूखे डावी अंखिया,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
मान सरोवर तीर,
हंस आया पांवणा,
कह गया साहिब कबीर,
भंवर नहीं आवणा,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
अमिया झरे निराधार,
धार पर संत रमे,
किने केऊ मनड़ा री बात,
संत कोई सांभले,
अमिया झरें निराधार,
धार पर संत रमे।।
Singer – Mahesh Lohar
9166688427
इस भजन में अमिया झरे निराधार का मतलब क्या है