अंगना में खेले है,
छोटा सा बालाजी।।
अंजनी मईया ले रही,
ईया हनुमान की,
पलणे में झुले हे,
छोटा सा बालाजी,
अँगना में खेलः हे,
छोटा सा बालाजी।।
अंजनी मईया तपे रसोई,
धोरः बैठे बालाजी,
यो त मलवे पोवः हे,
छोटा सा बालाजी,
अँगना में खेलः हे,
छोटा सा बालाजी।।
लाल तो लंगोटी बांधे,
गदा ले रे हाथ में,
यो त कसरत पेलः हे,
छोटा सा बालाजी,
अँगना में खेलः हे,
छोटा सा बालाजी।।
अंगना में खेलं बाबा,
थे कोई ढाई साल के,
सुरज मुख में मेलः हे,
छोटा सा बालाजी,
अँगना में खेलः हे,
छोटा सा बालाजी।।
‘कृष्ण लाल’ कविता करणी,
सबके बस की बात ना,
यो त छंद ने पेलः हे,
छोटा सा बालाजी,
अँगना में खेलः हे,
छोटा सा बालाजी।।
अंगना में खेले है,
छोटा सा बालाजी।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
https://youtu.be/Pb2VLHAzbZg