अरे मनवा विरथा,
समय न गँवाओ,
गुरु नाम को,
आठों याम धियाओ,
अरें मनवा विरथा,
समय न गँवाओ।।
यही एक दुनिया में,
है सार साँचा,
ये वैदों में वाँचा है,
सन्तो ने जाँचा,
हर स्वाँस मे तुम,
गुरु को धियाओ,
गुरु नाम को,
आठों याम धियाओ,
अरें मनवा विरथा,
समय न गँवाओ।।
करेगा भजन तो,
शरण पाएगा तू,
गुरु की कृपा से ही,
तर पाएगा तू,
चरणों मे सतगुरु के,
ध्यान लगाओ,
गुरु नाम को,
आठों याम धियाओ,
अरें मनवा विरथा,
समय न गँवाओ।।
नहीं हर किसी को,
ये मिलता है मौका,
फँसी बीच धारा में,
‘शिव’ तेरी नौका,
नहीं अपनी नैया को,
खुद ही डुबाओ,
गुरु नाम को,
आठों याम धियाओ,
अरें मनवा विरथा,
समय न गँवाओ।।
अरे मनवा विरथा,
समय न गँवाओ,
गुरु नाम को,
आठों याम धियाओ,
अरें मनवा विरथा,
समय न गँवाओ।।
लेखक / प्रेषक – श्री शिव नारायण वर्मा।
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