अरे मारा मनड़ा बदल गया दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
अब गऊ माता री कदर बिगड़ गी,
इनी जीवति री खाल ऊदड़ गी,
सावन सुखों सुखों जावे,
बिन मौसम बरसात गणी,
अरे मारा मनडा बदल गा दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
अब सत्यवंती ना रही रे लुगाया,
बात करे गुगट ने उठाया,
बहु सासु रे सामी बाले,
वो गुगट वा बात नही,
अरे मारा मनडा बदल गा दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
इन कलयुग री काली छाई,
माँ जाया बोले नी भाई,
बेटो बाप रे सामी बोले,
श्रवण सी ओलाद नही,
अरे मारा मनडा बदल गा दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
अब कई कई साधु हुआ रे सावधू,
माया जाल रो लगो जादू,
बाबा जी ने चेली भावे,
चेला में वा बात नही,
अरे मारा मनडा बदल गा दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
अरे धुणा रामजी के गया साच्ची,
इन कलयुग री पोथी बाछी,
सर पे हाथ मारे गुरु देव रो,
पछे दुश्मन री औकात नही,
अरे मारा मनडा बदल गा दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
अरे मारा मनड़ा बदल गया दिनडा,
वा पेला जेडी बात नही।।
स्वर – लेहरू दास वैष्णव।
प्रेषक -ओमप्रकाश सैनी।
रेल मगरा बर जिला पाली,
मो.-91 8209096129
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