अथ श्री महाभारत कथा,
महाभारत कथा।
श्लोक – कर्मण्येवाधिकारस्ते,
मा फलेषु कदाचन,
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा,
ते संगोऽस्त्वकर्मणि।
महाभारत महाभारत महाभारत,
अथ श्री महाभारत कथा,
अथ श्रीं महाभारत कथा,
महाभारत कथा,
महाभारत कथा।।
कथा है पुरुषार्थ की ये,
स्वार्थ की परमार्थ की,
सारथि जिसके बने,
श्री कृष्ण महारत पार्थ की,
शब्द दिग्घोषित हुआ जब,
सत्य सार्थक सर्वथा,
शब्द दिग्घोषित हुआ।।
श्लोक – यदा यदा ही धर्मस्य,
ग्लानिर्भवति भारत,
अभ्युत्थानमअधर्मस्य,
तदात्मानम सृज्याहम।
परित्राणाय साधूनां,
विनाशाय च दुष्कृताम,
धर्म संस्थापनार्थाये,
संभवामि युगे युगे।।
भारत की है कहानी,
सदियो से भी पुरानी,
है ज्ञान की ये गंगा,
ऋषियो की अमर वाणी,
ये विश्व भारती है,
वीरो की आरती है,
है नित नयी पुरानी,
भारत की ये कहानी,
महाभारत महाभारत,
महाभारत महाभारत।।
वचन दिया सोचा नहीं,
होगा क्या परिणाम,
सोच समझ कर कीजिये,
जीवन में हर काम।
आस कह रही श्वास से,
धीरज धरना सीख,
मांगे मिले मोती ना,
मांगे मिले ना भीख।
सीखे हम बीते युगो से,
नए युग का करे स्वागत,
करे स्वागत करे स्वागत करे स्वागत।।
Bahut achha laga.bahut sundar bhajan
Bhut hi sundar isko bachpan me sunta tha to bhut hi achha ahsas hota tha
Aati sunder ??
दिल को छु लिया बहुत ही बेहतरीन भजन है हमको याद हो गया
मतलब क्या बताऊँ मेरे तो शब्द ही कम पड़ जाये आत्मा तृप्त हो जाती है इन भजन श्री को सुनकर ।
जय श्री कृष्ण
महेन्द्र कपूर की पहाड़ी आवाज और संगीतकार की रचनाओं से बनाया यह पार्श्व संगीत बहुत ही सुंदर
Ye bhajan kitna bhi sun lu mera man nhi bharta.lagta h ki kaas mai bhi uss samay hota jab ye sab ghat raha tha.
अतः श्री महाभारत कथा jai ho
Yhi to sach jindagi baki sab jhuth ….
Bahut hi Sundar bahut Sushil