रे मन शिव का सुमिरण कर लख्खा जी भजन लिरिक्स
रे मन शिव का सुमिरण कर, शिव से आदि शिव से अंत है, शिव ही अजर अमर, रे मन शिव...
रे मन शिव का सुमिरण कर, शिव से आदि शिव से अंत है, शिव ही अजर अमर, रे मन शिव...
माँगा है मैने श्याम से वरदान एक ही, तेरी कृपा बनी रहे जब तक है ज़िंदगी।। तर्ज - मिलती है...
मेरी ज़िंदगी में क्या था, तेरी दया से पहले, मैं बुझा हुआ दिया था, तेरी दया से पहले, मेरी ज़िंदगी...
इतनी करदे कृपा श्याम सुन्दर, तेरे चरणों में जीवन बिताए, हम रहे इस जगत में कही भी, तेरी चौखट को...
कण कण में वास है जिसका, तिहुँ लोक में राज है उसका, हारे का साथ निभाए, प्रेमी को गले लगाए,...
चरणों में अपने रहने दे मुझको, ये ही तम्मना मेरी है। श्लोक - अपने चरणों से जुड़ा करके, तमाशा ना...
बिहारी घर मेरा बृज में, बना दोगे तो क्या होगा, मुझे वो बांसुरी अपनी, सुना दोगे तो क्या होगा।। तर्ज...
वंदना करता रहूं मैं, रात दिन श्री नाथ की, जीवन सफल हो जाये उसका, आये शरण जो आपकी, वंदना करता...
हम प्रेम दीवानी है, वो प्रेम दीवाना है, उधो हमें ज्ञान की, पोथी ना सुनाना।। तन मन जीवन श्याम का,...
मथुरा में जाकर मनमोहन, तुम मुरली बजाना भूल गये, मुरली का बजाना भूल गये, गायों का चरना भूल गये।। तर्ज...
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