मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया भजन लिरिक्स
मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया, कश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया।। तर्ज - मैं ढूढ़ता हूँ...
मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया, कश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया।। तर्ज - मैं ढूढ़ता हूँ...
बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला, श्लोक – शिव समान दाता नहीं, विपत निवारण हार, लज्जा सबकी राखियो, ओ...
अयोध्या करती है आव्हान, ठाट से कर मंदिर निर्माण।। राम भूमि की जय हो, जन्म भूमि की जय हो, राम...
बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है। श्लोक – जयंती मंगला काली, भद्र काली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवाधात्री, स्वाहा...
काहे तेरी अखियों में पानी, दोहा - जोगनिया का भेष बनाके, तुम्हे पुकारूँ मोहन, रख लो लाज मेरी कान्हा, बन...
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