अवधपुरी में दीप जले है,
सिया संग मेरे राम चले है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम,
सकल विश्व में खुशहाली है,
सिया राम जी की अवध सजी है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।।
त्रेता में तो चौदह बरस का,
वनवास था पाया,
कलयुग में भी वर्षों तक प्रभु,
इंतजार कराया,
खत्म हुआ अब इंतजार लो,
लौटे अयोध्या सबके राम,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।।
अपने संग में लेके दिवाली,
आए श्री रघुराई,
ढ़ोल बजाओ स्वागत कर लो,
गाओ सारे बधाई,
राम जो आए धन्य हुआ है,
अवधपुरी का प्यारा धाम,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।।
हे बजरंगी अपने बल से,
राम राज फिर ला दो,
राम प्रभु के इस भारत को,
हिंदुराष्ट्र बना दो,
अर्जी ‘जयंत’ ने भी है लगाई,
अर्जी ‘शुभम’ ने भी है लगाई,
कर दो सफल भगतों के काम,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।।
अवधपुरी में दीप जले है,
सिया संग मेरे राम चले है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम,
सकल विश्व में खुशहाली है,
सिया राम जी की अवध सजी है,
आए राम राम राम,
मेरे राम राम राम।।
लेखक – जयंत सांकला।
गायक – शुभम राणा।
8871814367