अवसर मिनखा देह मिल्यो है,
कोई मत गाफल रहिज्यो रे,
गियो सांस फेर नहीं आवे,
अब राम नाम भज लिज्यो रे।।
जाणत मौत खड़ी सिर माथै,
चलना सांझ सवेरा रे,
पांच पच्चीस बड़ा जोरावर,
जम लुटेला दोरा रे।।
नर नारायण शहर बसियो है,
ज्यामे सुर अपारा रे,
राम कृपा कर जोय बसायो,
अब तो काम तुम्हारा रे।।
जन्म जन्म का खाता चुके,
हो मन रामस्नेही रे,
रामदास सतगुरु जी के शरणै,
जन्म सफल कर लेना ओ।।
अवसर मिनखा देह मिल्यो है,
कोई मत गाफल रहिज्यो रे,
गियो सांस फेर नहीं आवे,
अब राम नाम भज लिज्यो रे।।
गायक – संत श्री गिरधारी राम जी।
प्रेषक – सत्यनारायण जी।
9057246091