अयोध्या राम की है,
वहाँ राम विराजेंगे,
हम भगवाधारी है,
बस राम ही गायेंगे,
मेरे राम के स्वागत में,
अयोध्या को सजायेंगे।।
पलके भी बिछा दी है,
बड़ी राह निहारी है,
रघुवर चले आओ,
मेरे राम चले आओ,
फूल राहों मे बिछायेंगे,
मेरे राम के स्वागत में,
अयोध्या को सजायेंगे।।
अयोध्या तुम्हारी है,
सियावर गद्दी तुम्हारी है,
मेरे राम तिलक करदूँ,
रघुवर मे तिलक करदूँ,
दिन त्रेता युग के आयेंगे,
मेरे राम के स्वागत में,
अयोध्या को सजायेंगे।।
दिन हर्ष का आया है,
बड़े भाग्य से पाया है,
परमहंस पे कृपा तेरी,
बटोही पे कृपा तेरी,
बैकुंठ को पायेंगे,
मेरे राम के स्वागत में,
अयोध्या को सजायेंगे।।
अयोध्या राम की है,
वहाँ राम विराजेंगे,
हम भगवाधारी है,
बस राम ही गायेंगे,
मेरे राम के स्वागत में,
अयोध्या को सजायेंगे।।
स्वर – परमहंस झा।
गीतकार – निशान्त झा ‘बटोही’