बाबा लाज राखजो म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
दीन दुखी रा कष्ट मिटा दे,
रुणिचा मे म्हाने बुलाले,
विपदा आन पड़ी,
बाबा लाज राखजों म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
यो संसार है लोभी बाबा,
इंसानियत खो दी बाबा,
सबसे मैं तो हा री,
बाबा लाज राखजों म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
दुनियादारी धोको देवे,
हंस हंस कर ताना देवे,
जिनो होयो दुसवारी,
बाबा लाज राखजों म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
भाई बंधु देखो बाबा,
छुप छुप करके रोवे बाबा,
होग्या घर में भारी,
बाबा लाज राखजों म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
विपदा म्हारी देखो बाबा,
इन दुखड़े ने मेटो बाबा,
बात बना दो थे म्हारी,
बाबा लाज राखजों म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
दास गोपालो सरने मे आयो,
अपने मन की बाता सुनाओ,
कष्ट मिटा दे बड़ा भारी,
बाबा लाज राखजों म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
बाबा लाज राखजो म्हारी,
मैं तो आयो शरणे थारी।।
गायक – गोपाल सोनी।