मेरे दिल में उठे एक हूँक,
बाबा मेनू याद आ गया,
तेरे रंग में रंगे चितचोर,
बाबा मेनू याद आ गयां।।
तर्ज – मारी कोयल ने ऐसी।
खाटू के गलियों के अजब नज़ारे,
दर्शन को भक्त आते लगती कतारे,
श्रद्धा न्यारी करे मन विभोर,
बाबा मेनू याद आ गयां।।
मैं भी चाहूँ श्याम तुझसे नज़दीकियां,
दर पे बुला ले मेरी तरसे हैं अँखिया,
रहना पाऊं खींचो मेरी डोर,
बाबा मेनू याद आ गयां।।
ना होना दूर बाबा चाहूँ ना जुदाई,
मुझे प्रीत भा गयी है यही है सच्चाई,
भजता ‘राकेश’ तुझे चितचोर,
बाबा मेनू याद आ गयां।।
मेरे दिल में उठे एक हूँक,
बाबा मेनू याद आ गया,
तेरे रंग में रंगे चितचोर,
बाबा मेनू याद आ गयां।।
Singer – C. Chanchal Bhati