बाबा मेरा भी घर होवे,
वहां तेरी नज़र होवे,
मेरे दरवाज़े पे लिखेया,
मेरे दरवाज़े पे लिखेया,
सदा जय श्री श्याम होवे,
बाबा मेरा भी घर होवें,
वहां तेरी नज़र होवे।।
भजन कीर्तन तेरा बाबा,
मैं अपने घर कराऊंगा,
तेरा दरबार ओ बाबा,
मैं अपने घर सजाऊंगा,
बुलाऊँ श्याम प्रेमी को,
कोई ऐसी जगह होवे,
बाबा मेरा भी घर होवें,
वहां तेरी नज़र होवे।।
जन्मदिन का आपका आये,
तो सारा घर सजाऊंगा,
फागण के प्यारे मेले में,
के रंग गुलाल उड़ाऊंगा,
बजाऊं चंग खुशिओं के,
मेरे घर में समा होवे,
बाबा मेरा भी घर होवें,
वहां तेरी नज़र होवे।।
सफल जीवन मेरा होवे,
दरश जो श्याम का होवे,
हाँ सच्चे श्याम प्रेमी की,
दुआ खारिज नहीं होवे,
सुखों की हो जाए वर्षा,
के दुःख मेरे हर दिन ख़तम होवे,
बाबा मेरा भी घर होवें,
वहां तेरी नज़र होवे।।
बाबा मेरा भी घर होवे,
वहां तेरी नज़र होवे,
मेरे दरवाज़े पे लिखेया,
मेरे दरवाज़े पे लिखेया,
सदा जय श्री श्याम होवे,
बाबा मेरा भी घर होवें,
वहां तेरी नज़र होवे।।
Singer & Writer – Azhar Ali (Khatu Dham)