बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी,
दोहा – महिमा गावा रामदेव री,
सुनजो ध्यान लगाय,
जनम जनम रा पाप मिटे,
और दुःख दारी दूर जाए।
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी,
अजमालजी रा लाल थाने खम्मा घणी,
थी तो मरुधर रा हो देव थारी,
ध्वजा फरुके सारे देश में,
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका,
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी,
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी।।
सिर सागर में अजमलजी ने,
धनिया थी दियो वरदान जी,
भादुडे री बिज चांदनी आवुला,
राखन थारो मान जी
धरा पिछम सु देव पधारिया,
बाल रूप बन ने आप जी
पानी रो तो दूध बन गियो,
मंडिया कुंकु रा पांगलिया बापजी
रणछोड़ रा अवतार थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी थाने खम्मा घणी
थी तो मरुधर रा हो देव थारी,
ध्जा फरुके सारे देश में
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी।।
मक्का सु मिल पीर पधारिया परखन रामा पीर
कहियो रामदेव आवो पीरा जीमो मीठी खीर
बोलिया पीर कठोरा म्हारा रह गया मक्का मधिना
वही कठोरा म्हारा आवे जद थारे घर जिमा।।
पीर रामदेव भुजा पसारी,
पडगियो पिराने दियो आपजी
पलक झपटता आया कठोरा
पांचो पीर जिमिया बापजी
पीर यु बोलिया मेतो पीर हो,
पीर रा पीर हो थे बापजी
जात पात रो भेद मिटायो
कोई ना नीचो कोई ऊँचोें बापजी
थी तो मरुधर रा हो देव थारी,
ध्जा फरुके सारे देश में
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी।।
लाशा बाई रो व्याव रचायो,
बाई ने दियो आको राज जी
आप बचायो गाव रनुजो
जागा जोधाणा भाग जी
बाई सुगना रो पूत जीवायो
बोइतासु तारी थारी जहाज जी
थे भक्तारा रखवाला थारी,
माया रो पायो नही पार जी
थेतो भक्तारा आधार थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी
थी तो मरुधर रा हो देव थारी,
ध्जा फरुके सारे देश में
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी।।
दलजी सोडा रे घर में बेटी जन्मी,
नेतलदे बाई पांगली
सपने में बाबो मिलिया रामदेव,
पगा चलाई पकड़ आंगली
बोली परनु तो रामदेव,
जद म्हारो सपनो वेला साचजी
जद विन्दराजा वनिया रामदेव,
राखी नेतल री थेतो लाज जी
नेतलदे रा भरतार थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेव जी ओ थाने खम्मा घणी
थी तो मरुधर रा हो देव,
थारी ध्जा फरुके सारे देश में
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी
पिचरंगी पाग माते तुरो तिलंगी
कमरे बंदियोड़ी तलवार जी
ढाल पीठ पर हाथ में भालो
लीले घोड़े असवार जी
लाशा सुगना करे आरती
सवर ढोलावे हरजी आपरा
डाली बाई नाचे गावे ध्जा,
तन्दूुरो हर जस आपरा
थेतो कलजुग रा भगवान थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी
थी तो मरुधर रा हो देव,
थारी ध्जा फरुके सारे देश में
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी।।
कई मैं गावा महिमा थारी
थारे गुना रो नही पारजी
कारज थे सारो पार उतारो
गिरता पड़ता ने लीजो तार जी
थारो यश गावे भोंग लगावे
ध्यावे जुग् संसार जी
लिखे जोगिडो गावे महेंद्र,
धून बनावे शिवराम जी
रामसिंह री लाज राखो खम्मा घणी
बाबा रामदेव जी ओ थाने खम्मा घणी
थी तो मरुधर रा हो देव,
थारी ध्जा फरुके सारे देश में
साचे मन सु ध्यावे उनरो जनम होवे मालका
माता मैणादे रा लाल थाने खम्मा घणी
बाबा रामदेवजी ओ थाने खम्मा घणी।।
गायक – प्रकाश माली जी।
भजन प्रेषक – श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क – +91 90965 58244