बाबा रे बाबा खाटूवाला,
देव बड़ा दिलवाला,
माँ का वचन निभाने खातिर,
शीश दान कर डाला।
जय श्री श्याम श्याम श्याम,
जय श्री श्याम श्याम श्याम।।
तर्ज – माये नी माये मुंडेर पे तेरी।
खाटू में है मन्दिर इनका,
शोभा अति है प्यारी,
ड्योढ़ी पर हनुमान बिराजे,
बायें कुञ्ज बिहारी,
पञ्च आरती होती दिन में-2,
देव ये बड़ा निराला,
माँ का वचन निभाने खातिर,
शीश दान कर डाला।
जय श्री श्याम श्याम श्याम,
जय श्री श्याम श्याम श्याम।।
फागुन मेला होता सुंदर,
भीड़ लगे अति भारी,
दर्शन करने की खातिर,
आते लाखों नर-नारी,
हारे को जीत दिलादे तूही-2,
अहलवति के लाला,
माँ का वचन निभाने खातिर,
शीश दान कर डाला।
जय श्री श्याम श्याम श्याम,
जय श्री श्याम श्याम श्याम।।
निर्बल को बल निर्धन को धन,
दे हारे को सहारा,
बैठा जो खाटू की नगरी,
हमको जान से प्यारा,
झूम झूम कर महिमा गाये-2,
“नारायण” मतवाला,
माँ का वचन निभाने खातिर,
शीश दान कर डाला।
जय श्री श्याम श्याम श्याम,
जय श्री श्याम श्याम श्याम।।
बाबा रे बाबा खाटूवाला,
देव बड़ा दिलवाला,
माँ का वचन निभाने खातिर,
शीश दान कर डाला।
जय श्री श्याम श्याम श्याम,
जय श्री श्याम श्याम श्याम।।
।। जय श्री श्याम जी ।।