बाबा श्याम धणी की नगरी,
घणी प्यारी लागे।
दोहा – हाथ जोड़ विनती करूँ,
सुणज्यो चित्त लगाय,
दास आ गया शरण में,
प्रभु राखो म्हारी लाज।
बाबा श्याम धणी की नगरी,
घणी प्यारी लागे,
ओ घणी प्यारी लागे,
म्हने मीठो मीठो,
श्याम कुंड को पाणी लागे,
बाबा ओ बाबा,
बाबा ओ बाबा श्याम।।
ग्यारस को दर्शन को आवे,
लाखों नर और नारी,
सबकी विनती पल में सुनते,
श्याम की महिमा न्यारी,
श्याम रंग में रंगी या,
श्याम रंग में रंगी या,
खाटू नगरी लागे,
ओ खाटू नगरी लागे,
म्हने मीठो मीठो,
श्याम कुंड को पाणी लागे।।
ग्यारस को खाटू में प्रेमी,
भजन भाव जद गावे,
ऐसो लागे श्याम धणी भी,
मंद मंद मुस्कावे,
श्याम प्रेमियों की मस्ती,
श्याम प्रेमियों की मस्ती,
में मलंग नाचे,
हो मलंग नाचे,
म्हने मीठो मीठो,
श्याम कुंड को पाणी लागे।।
फागण की ग्यारस खाटू में,
मेलो लागे भारी,
चंग धमाल गुलाल उड़े,
खाटू की नगरी प्यारी,
तोरण द्वार की छवि तो,
तोरण द्वार की छवि तो,
मनमोहक लागे,
ओ मनमोहक लागे,
म्हने मीठो मीठो,
श्याम कुंड को पाणी लागे।।
श्याम बगीची जद मैं जावा,
मनड़ो यो हरषावे,
भगत श्री आलू सिंह जी रा,
दर्शन को फल पावे,
‘महावीर’ तो दीवाना,
‘महावीर’ तो दीवाना,
जग यो सारो जाणे,
जग यो सारो जाणे,
म्हने मीठो मीठो,
श्याम कुंड को पाणी लागे।।
बाबा श्याम धणी की नगरी,
घणी प्यारी लागे,
ओ घणी प्यारी लागे,
म्हने मीठो मीठो,
श्याम कुंड को पाणी लागे,
बाबा ओ बाबा,
बाबा ओ बाबा श्याम।।
Singer – Mahavir Sharma