बाबा श्याम मेरे,
ओ बाबा श्याम मेरें,
तू है तो दुनिया कितनी हंसी है,
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है,
बाबा श्याम मेरें।।
तर्ज – महबूब मेरे तू है तो।
तेरे बिना अब कौन सुने,
मेरी कहानी को,
सौंप दिया मेरे श्याम को,
इस जिंदगानी को,
मैंने मरना भी यहीं है,
और जीना भी यहीं है,
ओ बाबा श्याम मेरें।।
रख दिया तुमने पागल को,
दीवाना करके,
अब तो श्याम आ जाओ,
तुम माझी बनके,
मेरी सुन लो पुकार,
मेरी नैया करो पार,
ओ बाबा श्याम मेरें।।
मन में बस गई श्याम मेरे,
तेरी सुरतिया,
सबको प्यारी लगती है,
तेरी मूरतिया,
मेरी सांसों में भी तू है,
और धड़कन में तू ही है,
ओ बाबा श्याम मेरें।।
बाबा श्याम मेरे,
ओ बाबा श्याम मेरें,
तू है तो दुनिया कितनी हंसी है,
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है,
बाबा श्याम मेरें।।
प्रेषक – केशव शर्मा कैथल
8708012470