बाबा तेरे खाटू में,
दिल से तेरे खाटू में,
एक बार जो आता है,
मिलते ही नज़र तुमसे,
तेरा हो जाता है,
बाबा तेरे खाटु में,
एक बार जो आता है।।
बांकी है तेरी चितवन,
बांके हैं नैन तेरे,
हे श्याम सलोने तू,
सब के मन भाता है,
बाबा तेरे खाटु में,
एक बार जो आता है।।
दीनों पे दया करता,
तू दानी दीनदयाल,
हर दीन का इस युग में,
तुही भाग्य विधाता है,
बाबा तेरे खाटु में,
एक बार जो आता है।।
आते हैं तेरे दर पे,
अपनों के सताए भी,
तू ग़म के मारों को,
सीने से लगाता है,
बाबा तेरे खाटु में,
एक बार जो आता है।।
कहता है जग सारा,
हारे का सहारा तू,
“जालान” भी ये सुनके,
तुम्हें शीश नवाता है,
बाबा तेरे खाटु में,
एक बार जो आता है।।
बाबा तेरे खाटू में,
दिल से तेरे खाटू में,
एक बार जो आता है,
मिलते ही नज़र तुमसे,
तेरा हो जाता है,
बाबा तेरे खाटु में,
एक बार जो आता है।।
गायक – उमाशंकर गर्ग।
भजन रचयिता – पवन जालान।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)