बाबा तेरे कीर्तन में,
बड़ा आनंद बरसता है,
यहाँ झूमते है दीवाने,
जब जब तू संवरता है,
बाबा तेरे कीर्तन मे,
बड़ा आनंद बरसता है।।
तर्ज – बाबुल का ये घर।
सुध बुध खो जाती है,
जब कीर्तन में आ जाए,
देख के तुझे बाबा,
मन की कलि खिल जाए,
बाबा तेरे होने से,
यहाँ कण कण महकता है,
बाबा तेरे कीर्तन मे,
बड़ा आनंद बरसता है।।
भजनों की गंगा में,
डुबकी लग जाती है,
भावों के रत्नों से,
झोली भर जाती है,
चरणों में शीश झुका,
फिर भाग्य चमकता है,
बाबा तेरे कीर्तन मे,
बड़ा आनंद बरसता है।।
बाबा तेरे प्रेमी से,
मिलना हो जाता है,
उनको लगा के गले,
मन तुझको ही पाता है,
‘पंकज’ का दिल तेरे,
दरबार में लगता है,
Bhajan Diary Lyrics,
बाबा तेरे कीर्तन मे,
बड़ा आनंद बरसता है।।
बाबा तेरे कीर्तन में,
बड़ा आनंद बरसता है,
यहाँ झूमते है दीवाने,
जब जब तू संवरता है,
बाबा तेरे कीर्तन मे,
बड़ा आनंद बरसता है।।
Singer – Shilpi Kaushik