बाबा तेरे रूप का तो,
दीवा सा जले,
घाटे वाले मेहंदीपुर में,
पहाड़ के तले।।
तर्ज – एक परदेसी मेरा।
बाबा तेरे रूप का,
दीवाना हुआ जाऊं मैं,
मन मेरा मचले,
कैसे काबू पाऊ मैं,
ऊपर से है चोला तेरा,
घना ही खीले,
घाटे वाले मेहंदीपुर में,
पहाड़ के तले।।
मन मेरा करता है,
यही बस जाऊं मैं,
बाबा तेरे चरणों में,
जिंदगी बिताऊ मैं,
दुनिया की सारी खुशी,
यही पे मिले,
घाटे वाले मेहंदीपुर में,
पहाड़ के तले।।
आरती की शोभा न्यारी,
तेरे दरबार में,
सुनके मगन होग्या,
बालाजी सरकार मैं,
भीड़ में खड़ा कोई,
बैठे है तले,
घाटे वाले मेहंदीपुर में,
पहाड़ के तले।।
कर तेरा दर्शन,
खुश होग्या आज मैं,
गांऊ तेरा कीर्तन,
कमी ना हो साज में,
दरिया सतेंद्र जी की,
गेल में चले,
घाटे वाले मेहंदीपुर में,
पहाड़ के तले।।
बाबा तेरे रूप का तो,
दीवा सा जले,
घाटे वाले मेहंदीपुर में,
पहाड़ के तले।।
Singer – Raju Hans
Upload By – Mohit Tomar
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