बाबा तेरी अमर कथा,
वेदों ने बखानी है,
मैं दर का भिखारी हूँ,
तू तो शीश का दानी है,
बाबा तेरीं अमर कथा।।
मैं हार गया जग से,
सुन ले लीले वाले,
अब सहा नहीं जाए,
पैरो में पड़े छाले,
मैं हूँ निर्बल बाबा,
तू तो बलवानी है,
मैं दर का भिखारी हूँ,
तू तो शीश का दानी है,
बाबा तेरीं अमर कथा।।
अब कैसे लाज बचे,
कोई ना हमारा है,
मारो या पुचकारो,
ये दास तुम्हारा है,
अब तेरे हवाले मेरी,
सारी जिंदगानी है,
मैं दर का भिखारी हूँ,
तू तो शीश का दानी है,
बाबा तेरीं अमर कथा।।
दर दर ठोकर खाके,
आया तेरे द्वारे,
खाली झोली मेरी,
कुछ पास नहीं म्हारे,
टप टप टपके मेरी,
आखों से पानी है,
मैं दर का भिखारी हूँ,
तू तो शीश का दानी है,
बाबा तेरीं अमर कथा।।
तेरा दास ‘रविन्द्र’ तो,
घुट घुट के जीता है,
तेरा शीश दान बाबा,
बड़ा परम पुनीता है,
‘अभिषेक’ ने लिख डाली,
ये करूण कहानी है,
मैं दर का भिखारी हूँ,
तू तो शीश का दानी है,
बाबा तेरीं अमर कथा।।
बाबा तेरी अमर कथा,
वेदों ने बखानी है,
मैं दर का भिखारी हूँ,
तू तो शीश का दानी है,
बाबा तेरीं अमर कथा।।
Singer – Abhishek Khirwal