बाबा तेरी दया पे ही,
पलता परिवार मेरा,
कैसे भूलूँगा बता,
मैं ये उपकार तेरा,
बाबा तेरीं दया पे ही,
पलता परिवार मेरा।।
तर्ज – ना स्वर है ना सरगम है।
ना भय ना चिन्ता कोई,
बड़ी मौज करी तूने,
खाली झोली मेरी,
खुशियों से भरी तूने,
तेरी कृपा से हुआ,
जीवन में सवेरा,
बाबा तेरीं दया पे ही,
पलता परिवार मेरा।।
ना किसी काम का था,
ना कोई इज़्ज़त थी,
मेरे अपनो को भी,
ना मेरी जरूरत थी,
किस्मत की उल्टी चाल,
को तूने ही फेरा,
बाबा तेरीं दया पे ही,
पलता परिवार मेरा।।
इतनी खुशियाँ देकर,
बाबा दूर ना जाना तू,
चाहे गम हो चाहे खुशी,
मेरे साथ ही रहना तू,
‘रूबी रिधम’ से प्रभु,
कभी रिश्ता ना टूटे तेरा,
बाबा तेरीं दया पे ही,
पलता परिवार मेरा।।
बाबा तेरी दया पे ही,
पलता परिवार मेरा,
कैसे भूलूँगा बता,
मैं ये उपकार तेरा,
बाबा तेरीं दया पे ही,
पलता परिवार मेरा।।
स्वर – कुमार सोनू सलोना।